मीरा कांत लगभग तीन दशक से निरंतर अपने कथा-साहित्य, नाटकों तथा कभी-कभार कविताई और निबंधों के माध्यम से हाशिए पर जगह पाने वाले निरुपाय मनुष्य की पीड़ा को नेपथ्य से मंच के बीचोबीच लाने में सचेष्ट हैं। संघर्षशील स्त्री और समाज की मुख्यधारा से छूटे हुए व्यक्ति इनके साहित्य की धुरी रहे हैं। यही कारण है इन्होंने उपेक्षित और प्रताड़ित नारी को केन्द्र में रखकर सृजन किया तो नाटककार भुवनेश्वर प्रसाद जैसी लगभग विस्मृत साहित्यिक प्रतिभा को याद करते हुए रचनात्मक जगत में विसंगतियों से जूझती प्रतिभाओं के दर्द को भी वाणी दी है।
इन्होनें कश्मीरी डायस्पोरा तथा शारीरिक और मानसिक रूप से पिछ्ड़े हुए व्यक्तियों की व्यथा को भी वाणी दी। इनका साहित्य सिर्फ़ ढर्रे से चले आ रहे मानव-संबंधों की कहानी नहीं है। वह मानव-संबंधों में व्याप्त सत्ता और अधिकार के संघर्ष के भंवर का सुराग भी ढूंढ़ता है।
मीरा कांत प्राय: गद्य लिखना पसंद करती हैं परन्तु कुछ प्रसंग उन्हें इतना उद्वेलित व बेचैन कर देते हैं कि वे लम्बी कविताओं के रूप में भी उस दर्द की कहानी को पेश करती हैं। उनकी इधर लिखी दो कविताओं में एक असम के संदर्भ में देश की सामाजिक-राजनैतिक शोषणकारी व्यवस्था को चुनौती देती है तो दूसरी कविता मर्द की निगाह में औरत की रूढिवादी छवि को खुलकर ललकारती है।
इधर वे रहस्यवादी मीरा घोषित की जाने वाली महादेवी वर्मा के प्रखर पत्रकार रूप को सामने लाने का उद्यम कर रही हैं। उनका एक लम्बा शोध लेख नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित पुस्तक का एक हिस्सा है।
मीरा कांत के नाटक देश के कई विश्वविद्यालयों और राज्य स्तरीय महाविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का हिस्सा भी हैं।
मीरा कांत से साक्षात्कार:
For more than three decades now, Meera Kant has incessantly endeavoured to bring to centre-stage the muffled voices of the marginalised through her fiction, plays and occasionally, long poems and articles. The strife torn woman in search of her identity and the less fortunate, left out of the main stream of the social hubble bubble, is the leit- motif of her literature.
Meera Kant’s creative journey has traversed the undulating inner world of the ever struggling woman and the stumped ordinary mortals, bereft of their right to live with dignity. The text and sub-text of her writings give vent to the unsung and unheard dirge of the hapless miserable, which in turn transforms itself into haunting reverberations in the psyche of the readers.
The profound and well knit prefaces of Meera Kant's plays Ihamrig, Bhuvaneshwar Dar Bhuvaneshwar, Huma Ko Ud Jane Do, Ant Haazir Ho and Prem Sambandhon Ki Kahaniyan has been written by Dr. Sushma Bhatnagar which make forays into the inner world of these creative endeavours and provide a deep insight into their dramatic sub-text.
Born in 1958, Srinagar, Meera Kant has completed her MA from the University of Delhi and PhD from Jamia Millia Islamia. Her research thesis was on Antarrashtriya Mahila Dashak Mein Hindi Patrakarita Ki Boomika (Role of Hindi Journalism in the International Women’s decade). She was an Editor at the National Council of Educational Research and Training (NCERT), New Delhi till October 2011 when she took voluntary retirement.
Some of Meera Kant's plays are part of the curriculum for graduate and post graduate courses in various Central and State level Universities.
Conversations with Meera Kant:
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नाटककार की रंगयात्रा श्रृंखला में... - Uma Jhunjhunwala | Facebook
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Samananta... - Samanantar Intimate Theatre : समानांतर इलाहाबाद (facebook.com)
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Gyaan Adab Centre - Ek Mulakat lekhika Meera Kant ke saath | Facebook
Awards &
Recognition
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नटसम्राट सम्मान ( सर्वश्रेष्ठ लेखक) 2015, नटसम्राट थियटर ग्रुप, दिल्ली।
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अंत हाज़िर हो ( नाटक) के लिए सर्वश्रेष्ठ लेखक सम्मान 2015, अभिव्यक्ति नाट्य मंच, शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश।
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उत्तर-प्रश्न (नाटक) के लिए मोहन राकेश सम्मान, 2008 (प्रथम पुरस्कार) साहित्य कला परिषद, नई दिल्ली।
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भुवनेश्वर दर भुवनेश्वर ( नाटक) को सर्वश्रेष्ठ आलेख के लिए वाराणसी में छबीसवीं अखिल भारतीय हिन्दी नाटक प्रतियोगिता में डा.गोकुल चंद्र गांगुली स्मृति सम्मान, 2008।
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भुवनेश्वर दर भुवनेश्वर (नाटक) के लिये निष्ठा सांस्कृतिक मंच, गुड़गांव के छठे अखिल भारतीय नाटक महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ कथानक पुरस्कार, 2006
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साहित्यकार सम्मान 2005-2006, हिन्दी अकादमी, दिल्ली।
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तत:किम (उपन्यास) के लिये अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति पुरस्कार, 2004 ।
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नेपथ्य राग (नाटक) के लिये मोहन राकेश सम्मान, 2003 (प्रथम पुरस्कार), साहित्य कला परिषद, दिल्ली।
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ईहामृग (नाटक) के लिये सेठ गोविन्द दास सम्मान, 2003 ।
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ऐसा हो तो कैसा हो’(फ़िल्म आलेख) को प्रथम पुरस्कार, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, 1992 ।
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Natsamrat Theatre Award ( Best Writer ) 2015, Natsamrat Theatre Group, Delhi.
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Best Writer 2015 of Abhivyakti Natya Manch, Shahjahanpur, UP for the play Ant Haazir Ho.
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Mohan Rakesh Samman 2008 (First Prize) of Sahitya Kala Parishad for play Uttar Prashna.
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Dr.Gokul Chandra Ganguly Samriti Samman 2008 at the 26th All India Hindi Drama Competition, Varanasi for play Bhuvaneshwar Dar Bhuvaneshwar.
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Sarvshreshtha Kathaanak Award 2006 of Nishtha Saanskritik Manch, Gurgaon,Haryana at the sixth All India Drama and Dance Mahotsav for the play Bhuvaneshwar Dar Bhuvaneshwar.
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Sahityakar Samman 2005- 06 of Hindi Akademi, Delhi.
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Ambika Prasad Divya Smriti Puraskar 2004 for the novel Tatah Kim.
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Mohan Rakesh Samman 2003 (First Prize) of Sahitya Kala Parishad, New Delhi for the play Nepathya Raag.
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Seth Govind Das Samman 2003 for the play Ihamrig.
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First prize for the story and script of a 60-minute film Aisa Ho To Kaisa Ho in a national competition sponsored by the Ministry of Health & Family Welfare, Government of India, 1992.
Ambika Prasad Divya Smriti Puraskar अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति पुरस्कार 2004
Presenting book to Vice President of India भारत के उपराष्ट्रपति को पुस्तक भेंट करते हुए
Works of Meera Kant
FICTION
Novels
Completed by Meera Kant
Short Story Collections
Children's Books
RESEARCH
TRANSLATIONS
अनूदित नाटक (अंग्रेज़ी)
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इन द विंग्स (नेपथ्य राग)
(साहित्य अकादेमी की पत्रिका 'इंडियन लिटरेचर' में मई-जून 2004 में प्रकाशित। अनुवाद : मनु विक्रमन) -
हर्ड बट नेवर सीन (कन्धे पर बैठा था शाप/श्रूयते न तु दृश्यते)
(साहित्य अकादेमी की पत्रिका 'इंडियन लिटरेचर' में जनवरी-फरवरी 2007 में प्रकाशित। अनुवाद : मनु विक्रमन) -
समन द एंड (अंत हाज़िर हो)
(महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की अंग्रेज़ी पत्रिका ' हिंदी ' में जनवरी - मार्च २०११ में प्रकाशित. अनुवाद : वंदना आर. सिंह)
English Translation of Plays
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In The Wings (Nepathya Raag)
Sahitya Akademi's Journal 'Indian Literature', May-June 2004.
Translation by Manu Vikraman. -
Heard But Never Seen (Shrooyate Na Tu Drishyate/Kandhe Par Baitha Tha Shaap)
Sahitya Akademi's Journal 'Indian Literature', Jan-Feb 2007.
Translation by Manu Vikraman)
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Summon the End (Ant Haazir Ho)
Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi Vishwavidyalaya’s journal, ‘Hindi’, Jan-March, 2011. Translation by Vandana R Singh.
अनूदित कथा साहित्य (अंग्रेज़ी)
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मछली ( लम्बी औरत) ( कहानी)
साहित्य अकादेमी की पत्रिका ' इंडियन लिटरेचर ' में मई- जून 2023 में प्रकाशित.
अनुवाद : पंकज भान -
पेपर बैस्तियन एंड अदर स्टोरीज़ ( कहानी संग्रह )
रूपा पब्लिकेशन , २०११ , अनुवाद : रंजना कौल -
ऑफ़रिंग ऑफ़ मेमोरीज़ (स्मृति-पिंड) (कहानी)
इंडियन काउंसिल फ़ॉर कल्चरल रिलेशन्स की पत्रिका 'इंडियन हॉराइज़न्स' में दिसम्बर 2008 में प्रकाशित। अनुवाद: रंजना कौल -
दि वेल्ड वन (रूपोश) (कहानी)
लंदन के प्रकाशन गृह 'पिकाडोर' से 2009 में प्रकाशित कहानी संग्रह 'द फ़ियर फ़ेक्टर' में संग्रहीत संपादक व अनुवादक - मीनाक्षी भारत -
धामपुर ( कहानी )
महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की अंग्रेज़ी पत्रिका ' हिंदी ' में जुलाई - सितम्बर २००९ में प्रकाशित. अनुवाद : रंजना कौल
English Translation of Fiction
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Machhli ( Lambi Aurat, Short story)
Sahitya Akademi's journal ' Indian Literature ', May - June, 2023.
Translation by Pankaj Bhan -
Paper Bastion and Other Stories (Short story collection)
Rupa Publications India Pvt. Ltd,2011. Translation by Ranjana Kaul
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Offerings of Memories (Smriti Pind, Short story)
Indian Council for Cultural Relations’ journal ‘Indian Horizons’, Oct-Dec, 2008. Translation by Ranjana Kaul -
The Veiled One (Rooposh, Short story)
‘Fear Factor: Terror Incognito’, Picador India, 2009.
Translation by Meenakshi Bharat -
Dhampur (Short story)
Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi Vishwavidyalaya’s journal, ‘Hindi’, July- Sep, 2009.
Translation by Ranjana Kaul
Paper Bastion and other stories पेपर बैस्तियन एंड अदर स्टोरीज़
Fear Factor
द फ़ियर फ़ेक्टर
कविता का अंग्रेज़ी अनुवाद
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डिसरोब मी वॉट यू विल!
इम्फाल फ्री प्रैस, 2 जुलाई 2006 में प्रकाशित। अनुवाद : सुहासिनी और मनु
English Translation of Poem
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Disrobe Me What You Will ! (Tum Kya Nirvastra Karoge Mujhe)
Imphal Free Press, 2 July 2006, Translation by Suhasini and Manu.
अनूदित साहित्य (भारतीय भाषाएं)
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उत्तरप्रश्नम् (नाटक)
संस्कृत में साहित्य भंडार, इलाहाबाद से 2016 में पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित।
अनुवाद: डाॅ . सुरेन्द्र पाल सिंह -
हुमा को परवाज़ करने दो ( नाटक )
उर्दू में एज्युकेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली से 2013 में पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित।
अनुवाद: परवेज़ शहरयार -
श्रूयते न तु दृश्यते ( नाटक )
संस्कृत में विभा प्रकाशन, इलाहाबाद से 2013 में पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित।
अनुवाद: डाॅ . सुरेन्द्र पाल सिंह -
नेपथ्य राग ( नाटक )
कन्नड मेंअजेय इंटरप्राइजेज, बैंगलोर से 2012 में पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित।
अनुवाद: आर. पी. हेगड़े -
कंधे पर बैठा था शाप (श्रूयते न तु दॄश्यते) (नाटक)
तेलुगू में ऐमेस्को बुक्स पब्लिकेशन , हैदराबाद से 2012 पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित।
अनुवाद: डा.आर.सुमनलता -
कागज़ी बुर्ज ( कहानी )
' मोबाहिसा ' के वॉल्यूम ८ , अंक संख्या ३१ , २००९ में उर्दू में प्रकाशित
अनुवाद : मंज़र कलीम . ) - काली बर्फ़ ( कहानी )
‘उत्तम अनुवाद’ के दीवाली 2009 अंक में मराठी में प्रकाशित।
अनुवाद:वसुधा सहस्रबुद्धे -
श्रूयते न तु दॄश्यते (कंधे पर बैठा था शाप) (नाटक)
'नव-अनुष्टुभ’ के सितंबर-दिसंबर 2007 अंक में मराठी में प्रकाशित ।
अनुवाद: रमेश सालुंखे -
नेपथ्य राग (नाटक)
मराठी में शीघ्र प्रकाश्य ।
अनुवाद: रमेश सालुंखे -
काली बर्फ ( नाटक )
अर्शिया पब्लिकेशन, दिल्ली से उर्दू में शीघ्र प्रकाश्य।
अनुवाद : इज़हार अहमद ' नदीम '
Translation in Indian Languages
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Uttar prashnam ( Play )
Sahitya Bhandar, Allahabad, 2016.
Translation in Sanskrit by Dr. Surendra Pal Singh. -
Huma Ko Parwaz Karne Do ( Play )
Educational Publishing House , Delhi, 2013.
Translation in Urdu by Perwaiz Shaharyar. -
Shrooyate Na Tu Drishyate ( Play )
Vibha Prakashan, Allahabad , 2013.
Translation in Sanskrit by Dr. Surendra pal Singh. -
Nepathya Raag ( Play )
Ajeya Enterprises, Rajarajeshwari Nagar, Bangalore, 2012.
Translation in Kannada by R. P. Hegde. -
Shooyate NaTu Drishyate ( Play )
Emesco Books Publication, Hyderabad, 2012.
Translation in Telugu by Dr. R. Sumanlata. -
Kaagazi Burj (Short story)
Mobahisa, Vol 8, Isssue No 31, 2009.
Translation in Urdu by Manzar Kaleem. -
Kaali barf (Short story)
‘Uttam Anuvad’, Diwali issue 2009.
Translation in Marathi by Vasudha Sahesrabudhe. -
Shrooyate Na Tu Drishyate
(Kandhe Par Baitha Tha Shaap) (Play)
‘Nav-anushtubh’, September-December 2007.
Translation in Marathi by Ramesh Salunkhe. -
Nepathya Raag (Play)
To be published in Marathi shortly.
Translation in Marathi by Ramesh Salunkhe. -
Kaali Barf (Play)
To be published in book form from Arshia Publication Delhi shortly.
Translation by Izhar Ahmad 'Nadeem'.
मीरा कांत द्वारा कश्मीरी से अनुवाद
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लल द्यद — एन सी ई आर टी की कक्षा 9 की हिन्दी पाठय पुस्तक 'क्षितिज' के लिये कश्मीर की संत कवयित्री ललेश्वरी के चुनिंदा वाखों (पदों) का कश्मीरी से हिन्दी में अनुवाद।
Literary translation from Kashmiri to Hindi
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Lal Dyad – Hindi translation of Kashmiri saint poetess’ selected works by Meera Kant, incorporated in NCERT’s Hindi Textbook, Kshitij for Class IX.
Research on
Meera Kant's Work
मीरा कांत के साहित्य पर शोध
पी. एच .डी .
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उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से 'मीरा कांत : व्यक्तित्व एवं कृतित्व: एक अनुशीलन' विषय पर वर्ष 2011 में पीएच.डी. संपन्न |
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दिल्ली विश्वविद्यालय से 'स्त्री प्रश्न और मीरा कांत के नाटक ' विषय पर 2015 में शोध संपन्न।
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राष्ट्र संत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर से ' इक्कीसवीं सदी की प्रतिनिधि महिला नाटककाऱों नादिरा बब्बर एवं मीरा कांत की नाट्य कृतियों का तुलनात्मक अध्ययन ' विषय पर 2017 में शोध संपन्न।
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श्री हावगीस्वामी काॅलेज उदगीर, लातूर, महाराष्ट्र से' मीरा कांत के नाटक़ों का चरित्रगतअध्ययन' विषय पर 2019 में शोध सम्पन्न।
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डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, औरंगाबाद से' मीरा कांत का नाट्य साहित्य : संवेदना और शिल्प ' विषय पर शोध जारी।
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शिवाजी विद्यापीठ, क़ोल्हापुर, महाराष्ट्र से' मीरा कांत के नाटक़ों में पात्र निरूपण' विषय पर शोध जारी।
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महाराजाज़ काॅलेज, अरनाकुलम, केरल से 'मीरा कांत की रचनाओं में स्त्री विमर्श' विषय पर शोध जारी।
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बनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान से' मीरा कांत के कथा साहित्य में युग- बोध ' विषय पर शोध जारी।
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सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, पुणे से 'मीरा कांत के साहित्य में नारी अस्मिता का संघर्ष' विषय पर शोध जारी।
PhD Research Thesis
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Ph. D. research titled, 'Meera Kant Ka Vyaktitva evam Krititva : Ek Anusheelan', Usmania University, Hyderabad, 2011
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Ph. D. research titled, ' Stri Prashn aur Meera Kant ke Naatak',Faculty of Arts, University of Delhi, 2015.
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Ph. D. research titled ' Ikkisvin Sadi ki Pratinidhi Mahila Natakkaron Nadira Babbar evam Meera Kant ki Naatya Kritiyon ka Tulnatmak Addhyan ' , Rashtra Sant Tukadoji Maharaj Nagpur University, Nagpur, Maharashtra, 2017
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Ph. D. research titled ' Meera Kant ke Naatakon ka Charitragat Addhyan', Shri Havagi Swami College Udgir, Latur , Maharashtra, 2019.
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Ph.D. research titled ' Meera Kant ka Naatya Saahitya : Samvedana aur Shilp', has been undertaken, Dr. Babasaheb Ambedkar Marathwada University, Aurangabad, Maharashtra .
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Ph. D. research titled ' Meera Kant ke Naatakon mein Paatra Nirupan', has been undertaken, Shivaji Vidyapeeth, Kolhapur, Maharashtra
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Ph. D. research titled ' Meera Kant ki Rachanaaon mein Stri Vimarsh', has been undertaken, Maharaja's College, Ernakulam, Kerala.
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Ph. D. research titled ' Meera Kant ke Katha Saahitya mein Yug- Bodh', has been undertaken, Banasthali Vidyapeeth, Rajasthan.
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Ph.D. research titled ' Meera Kant Ke Sahitya Mein Nari Asmita Ka Sangharsh' has been undertaken , Savitribai Phule Pune University, Pune
एम .फिल
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दिल्ली विश्वविद्यालय से 'मीरा कांत के नाटक नेपथ्य राग में स्त्री-प्रश्न' विषय पर वर्ष 2007 में शोध संपन्न।
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विनायक मिशन विश्वविद्यालय, सेलम, तमिलनाडु से 'मीरा कांत के नाटक : संवेदना एवं शिल्प' विषय पर वर्ष 2008 में शोध सम्पन्न।
- डा. बाबा साहेब आम्बेडकर मराठवाडा विश्वविद्यालय, औरंगाबाद से ‘डा.मीरा कांत कृत नेपथ्य राग : एक अनुशीलन’ विषय पर वर्ष 2009 में शोध सम्पन्न।
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दिल्ली विश्वविद्यालय से 'विस्थापन की समस्या और मीरा कांत का नाटक काली बर्फ' विषय पर वर्ष 2009 में शोध सम्पन्न|
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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के तत्वावधान में' एक कोई था कहीं नहीं- सा उपन्यास में चित्रित नारी चेतना ' विषय पर वर्ष 2010 में शोध संपन्न |
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कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कोचीन से 'नारी चिंतन के आलोक में मीरा कांत के नाटक ' विषय पर वर्ष 2010 में शोध सम्पन्न।
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दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली से ' मीरा कांत के नाटक अंत हाज़िर ह़ो में स्त्री समस्या का प्रश्न ' विषय पर वर्ष 2013 में शोध सम्पन्न।
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सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, पुणे से 'मीरा कांत के उपन्यास एक कोई था कहीं नहीं-सा में नारी चेतना ' विषय पर वर्ष 2017 में शोध सम्पन्न।
M.phil Dissertations
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M Phil dissertation titled 'Meera Kant ke Nepathya Raag mein Stree Prashna', Faculty of Arts, University of Delhi, 2007.
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M Phil dissertation titled 'Meera Kant Ke Natak : Samvedana Evam Shilp', Vinayak Mission University, Salem, Tamil Nadu, 2008.
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M Phil dissertation titled 'Visthapan Ki Samasya aur Meera Kant Ka`Kaali Barf', University of Delhi, 2009
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M Phil dissertation titled, 'Dr.Meera Kant Krit Nepathya Raag: Ek Anusheelan, Dr. BabaSaheb Ambedkar Marathwada University, Aurangabad, 2009
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M Phil dissertation titled, 'Ek Koi Tha Kahin Nahin - Sa Upanyaas Mein Chitrit Naari Chetana', Kurukshetra University, 2010
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M Phil dissertation titled ' Naari Chintan ke Aalok mein Meera Kant ke Naatak ', Cochin University of Science and Technology , Cochin, Kerala , 2010 .
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M Phil dissertation titled ' Meera Kant ke Naatak Ant Haazir Ho mein Stri Samasya ka Pashn ', University of Delhi , Delhi, 2013 .
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M Phil dissertation titled ' Meera Kant ke Upanyaas Ek Koi Tha Kahin Nahin Sa mein Naari Chetana ', Savitribai Phule Pune University, University of Pune, Maharashtra, 2017.